Saturday, November 10, 2012

Leader

तनहा सफर
जब छोड़ा तूने
तब तेरे पीछे कािफला था.

तुझे कया पता तेरी पगडंिडयों पर
सैलाब चल रहा था!

कई खामोश िनगाहें थीं
तेरे िनशानों पर.
कुछ सहमे चेहरे भी थे.

बड़ी दूर अाकर लगा तूुझे
कहीं तू गलत तो नही.
अिंतंम पड़ाव है
काश उन सहमे चेहरों को भी देखा होता!

तू तो चला गया
लेिकन
उनका कया कसूर था?

खुद की बंदगी के शौकीन
तू अगर अपनी बुलंदी से एहसास करा देता
अाने वाले सफर का,

तो

खतम ना होती ये बेगुनाह कौम!

Time is not gone.
 leave your publicity by yourself, use your energy for a noble cause. save earth and human.
you know many million people will follow you.
show the right path to these innocent people and satisfying your inner soul that you done the best job during reign on earth.

Make a boundary less, religion less, racial less and nuclear terror free mother earth.

FOREST REVOLUTION - THE LAST AND ULTIMATE SOLUTION

www.yadavrsingh.blogspot.com


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