Tuesday, November 21, 2023

 लगभग हर युग में इंसान अपने भगवान बनाता रहा....


कल्पनाओं में बनी स्वर्ग-नर्क, देवता-राक्षस, धर्म-अधर्म की गाथाएं सुनाता रहा!!!!!!!!


सबके भगवान अपनी अपनी सभ्यताओं के साथ मर गए,,,,


हां थोड़ा अंतर जरूर रहा

भारत में...


यहां प्रकृति के साथ भगवानों की कहानियां जुड़ गईं.........


इंद्र अर्थात पुरंदर,, किलों बांधों को तोड़ कर पानी का रास्ता बनाने वाला।।।।


पशुपति अर्थात शिव,, पहाड़ों, नदियों, जंगल, जीवों के लिए खुद को समर्पित करने वाला।।।।।।


कृष्ण अर्थात गोपाल,, गौ-धन के जरिए भारत को ऊर्जा आपूर्ति कराने वाला, गीता के जरिए मानव तक अध्यात्म पहुंचाने वाला।।।।।।।


और 


राम जीवों के मध्य प्रेम करुणा और मैत्री स्थापित करने वाला।।।।।।।।


भारत,,, जिंदा रहा अनादि कालों से

क्योंकि तब १००% कीटाणुओं को मारने वाली तकनीकि नहीं खोजते थे।।।।।।।


भारत जानता था

हम जिंदा तभी तक हैं

जब तक ये सब जिंदा हैं।।।।।।।।।।।


हरि ॐ


राम यादव

21.11.23



 बहुत जल्द ही सब

नींद से जागेंगे

और

खाना मांगेंगे


क्या जवाब दोगे

इंटरनेट के नशे में डूबी इस पीढ़ी को

?????


नौकरियां हैं नहीं

अनाज उगाने की ताकत न जिस्म में न खेत में

और कॉरपोरेट सत्ता तक पहुंच नहीं


कम मानव श्रम

बेहतर अचूक मशीन श्रम

और अनगुणित लाभ


पर अट्टहास करते ये चुनिंदा व्यवसायी

...........


रोजगार विहीनों की भूंखी विकराल फ़ौज

................


नीति नियंता क्या भांप पा रहे हो

इस विनाश को

???


जब ये नींद से जागेंगे

क्या तुम्हारे पास कोई जवाब होगा

?????????


हरि ॐ


राम यादव

17.11.23


Thursday, November 16, 2023

 मैं एक परिवार बनाता हूं

परिवार एक समाज बनाता है

समाज एक गांव बनाता है

गांव एक शहर बनाता है

शहर एक प्रदेश बनाता है

प्रदेश एक देश बनाता है



कैसे कह दूं

निर्मुल्य हूं मैं????

मेरे महत्व को मत आंको 

एक राष्ट्र बनाता हूं मैं।।।।।


खुद को आईने में रख

खुद को बताओ 

एक राष्ट्र बनाता हूं मैं।।।।।।

अपने परिवार,

अपने अस्तित्व,

अपने भविष्य के लिए

एक राष्ट्र बनाता हूं मैं।।।।।।।।


याद रखना,

बच्चों को पीने के लिए पानी देना है

सांस लेने के लिए हवा देना है

अन्न उगाने के लिए जमीन देना है

...........

उनको ये राष्ट्र देना है।।।।।।।।।


हरि ॐ


राम यादव

16.11.23


Saturday, November 11, 2023

 ओ कॉरपोरेट सत्ता धारियों


तुम इन त्यौहारों को कैसे मना सकते हो?????


लाभ और मानव श्रम विभाजित करने वालों........


देखो,

तुम्हारे मजदूर या गांव के किसान

भाग रहे हैं अपनी धरती को मिलने

ट्रेनों बसों में भर भर कर

शहरों से गांव की तरफ....


उस धरती से मिलने

जो यूरिया से दब गई

सल्फास से मिट गई

फैक्ट्रियों के नालों से सिंच कर

चिमनियों की उगलती राखों से सांस लेकर

केचुओं, गौरैया, बैलों की लाशों वाली हरित क्रांति में

मानव जाति को अल्पायु कर....


लेकिन तुम चिंता मत करो

ये वापस आयेंगे तुम्हारी अर्थवादी दुनियां में ।।।।।।।


फसलों के उल्लास वाले पर्वों को मनाते मनाते

ये गरीब किसान

अब रईस मजदूर हो चुके हैं।।।।




हरि ॐ



राम यादव

11.11.23



 

Monday, November 6, 2023

Tuesday, October 24, 2023

 मृत्यु से मिल कर वापस आना

फिर देखना

कि खाना खाकर

मरने आए थे।


अभी तो,

हाईवे के चारों ओर से लेकर शहर, गांव, जंगल, खलिहान, खेत

सब जगह ढूंढ रहा हूं

कोई दो सौ साल पुराना पेड़ नहीं दिख रहा

वैसे पेड़ की उम्र हजारों सालों तक हो सकती थी


कुछ सालों ने,, लाखों सालों को खत्म कर दिया...

गाय के साथ जंगलों में बांसुरी का संगीत...

कुओं और ऋतु आने का उल्लास

हजारों सालों से लड़ाइयां

संस्कृति, सभ्यताओं की।।।


अभी त्यौहार हैं

बकरे के खून से सना

रावण लकड़ी में जल रहा

नदी-नाली में खूबसूरत साबुन की खुशबू सड़ रही

गाजा यूक्रेन सीरिया में बेलगाम जनसंख्या के राक्षस


शायद 

यहां खाना खाकर मरने आते हैं

बच्चों औरतों की लाशों को दिखा कर

रोते और चिल्लाते हैं।


क्या ये भी है,

चींटी का भी परिवार होता है

मछली की भी औलाद होती है

बरगद भी बच्चे पैदा करता है

और तुलसी भी खुशियों में किलकाती है।।।।


जिंदगी को जानने के लिए

एक बार मौत से मिलना चाहिए

खाना खाकर मरने से पहले।।।।


बच्चे पैदा करना.. 

फिर इनको लड़ने मरने के लिए

धरती को परती बना देना


विकास

कुछ सालों का

कुछ सालों तक

फिर अंधी मौत का करुण क्रंदन 



एक बार मौत से मुलाकात कर लेना।

मरने से पहले।।।।।।

प्यासा गला लिए

परमाणु विस्फोट 


या यूं कहूं

प्लेटलेट वापस आ गई हैं

उस वक्त पैसा था

पर आंखें ड्रिप्स को देख रही थीं

😌🙏🏻हरि ॐ🙏🏻😌


Sunday, October 8, 2023

 

सदियों से आदमी मारता रहा आदमी को......

इंसानियत और दुनियां महफूज़ रखने के लिए।।।




धर्म, जाति, प्रांत, सत्ता, समाज के ढोंग को रचाने के लिए।।।।।।।।


या फिर खुद को श्रेष्ठ बता मानसिक कुंठा छिपाने के लिए 


😌😌😌






खुद को सही साबित करने के लिए,,,,,,


इंसान सारे कुकर्म, सुकर्म में सिद्ध कर देता है


।।।।।।






वो इजराइल-फिलीस्तीन हो, 


यूक्रेन-रूस या कश्मीर-पाकिस्तान हो




लाशों में बदलती इंसानियत को


झूठे मन बहलाते


जन्नत के किस्सों में लिख देता है।।


वो नस्लों में बचपन से ही जहर भर देता है।।।।।।।




ले चल बिखरे विश्व को अगली पीढ़ी में


हजारों सालों से जीवित


सनातन भारत


सदैव नूतन भारत




😌हरि ॐ😌




वन क्रांति जन क्रांति

Sunday, October 1, 2023

Thursday, September 28, 2023

Friday, September 15, 2023

Thursday, September 7, 2023

जनसंख्या

https://www.bbc.com/hindi/media-66735432


विश्व की सबसे तेज बढ़ने वाली जीडीपी दर वाली अर्थव्यवस्था का असली हश्र।

 

Sunday, September 3, 2023

Thursday, August 17, 2023

Saturday, July 22, 2023

नीम


 मैं नहीं गिन पाया कि कितने पेड़ लगाए होंगे मैंने,,,


लेकिन मुझे याद है की 3 में पढ़ते हुए 

जो नीम का पेड़ घर के बीचोंबीच लगाया था.....


उसे अब तक कटने नहीं दिया ।।।।।।।।।


देखता हूं कि उसकी जड़ें मेरे कमरों की नींव तक जम गईं हैं.....


लेकिन उसकी झूमती शाखें, हरे पत्तों की खुशबू 

और सोंधीं हवा... 

एक अलग नशा, मोहब्बत का जगा देता है ।।।।।।


ऐसे हजारों घर कुर्बान उस मोहब्बत के नाम !!!!!!!!


जानता हूं कि मैं और घर नहीं खरीद पाऊंगा.....


लेकिन एक अनदेखे भविष्य के लिए,,,

उस छोटे से घर में नीम, आम, अमरूद, 

जामुन, अशोक के पेड़ लगाए जा रहा हूं।।।।।।।।।।


शायद एक परिवार ये भी रहेगा मेरा..

जो मेरे बाद मुझे याद करेगा।।


😌❤️हरि ॐ❤️😌

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Tuesday, June 27, 2023

Sunday, February 27, 2022

यूक्रेन

 




यूक्रेन


वो चहचहाती सुबह होगी.

नारंगी आसमान में भीनी सी ताज़ी सुगंध तैर रही होगी.

बच्चे कुनमुनाने से जगाए जा रहे होंगे,

प्रेयसी प्रियतमों को चुम्बन से जगा रही होंगी ।

वो भोर एक दिन और जिंदगी  को आगे ले जाने आयी होगी...


सब तरफ खिलखिलाते चेहरे मंगल गीत गा रहे होंगे।।।


बेखबर से ।।।।


उस काल चक्र से बेखबर,,

जो हमारी क्रूर नियति को छिपा कर ला रहा होगा।।।।


फिर कुछ जहाज़ चल पड़े होंगे


हिरोशिमा और नागासाकी लेकर


लेकर लाखों इंसानों के चिथड़े...

लेकर महलों की राख....

लेकर करोड़ों दरकते सपने...

लेकर बियाबां मौत का सन्नाटा।।।।।


हाँ सच में


मानवता की दुहाई देते 

वो चरम राष्ट्र

फिर एक खूनी खेल खेलेंगे


फिर हथियारों की श्रेष्ठता सिद्ध करने आ रहे होंगे ।।।।।

कौन कितने मार सकता है

ये सवाल राक्षसों और देवताओं के युध्द से

हम तुच्छ इंसान भी गिनने बैठेंगे ।।।।।।


हम उस अभागी पीढ़ी के वाहक हो जाएंगे


जिसने उत्कृष्ट मानव को सृष्टि का संहार करते देखा ।।।।।।


कोरोना, हिग्स बोसोन, वर्चुअल एहसासों को

हाइड्रोजन सूरजों से भाप बनते देखा।।।।।।



वन क्रांति - जन क्रांति

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Saturday, April 17, 2021

Sunday, May 10, 2020

Sunday, March 10, 2019

Thursday, February 14, 2019

आतंक

शायद ये बहुत बड़ी कामयाबी है,
तुम लोगों के लिए।
एक नई दुनिया की ओर तुम्हारे कदम बढ़ रहे है.

नई मूछें, नई दाढ़ी
नए जेहाद के सपने
कुछ नया खून जो उबाल खा रहा है।।।

विद्रोह को तत्पर, बंदूक और बमों से भरी तुम्हारी तस्वीरें।।।
अपनी मां की कोख को बदनाम करते तुम
किसके सपनो के लिए मौत मांग रहे हो?????

कौन है जो कश्मीर की जिंदगी नही चाहता????
ढूंढ सकते हो??????

तुम्हारी लाशों में हिस्सेदारी की महिमा गाते
ये नफरत भरे चेहरे ।।।।
तुमको क्या दे रहे हैं????
एक टूटा कश्मीर, खून से सना कश्मीर।।।।
बूढ़ों का कश्मीर, रोती माँओं का कश्मीर।।।।।।।

प्रेयसी और बच्चों के सुख से मरहूम
अकाल मौत के  भोगियों....
सड़कों, अस्पतालों, स्कूलों
 किलकिलाते बचपन के हत्यारों।।।।।।।
कभी सोंचा है कि इसका अंजाम क्या है।।।।।।

तुमने किसको मारा?????

तुमने कश्मीरियों के अरमानों को मारा।।।।।
तुमने मां बाप के परिवारों को मारा।।।।
तुमने सड़कों को मारा
तुमने अस्पतालों को मारा
तुमने पढ़ने जाने वाले नौनिहालों को मारा
तुमने अनाज को मारा, तुमने पानी को मारा
तुमने भारत के विश्वास को मारा।।।।
तुमने एक माला में गुंथे,,
इंसानियत के सपने को मारा।।।।।

तुमने कभी सोंचा है भारत क्या है?
तुम्हारे और हमारे पुरखों की धरती को
किसके कहने पर ख़ूनी कर दिया????

अपने खून को बहा कर, खुशी मनाने वालों
कैसे निर्दयी हो चुके हो?????
बस ज्यादा क्या लिखूँ
लीबिया, इराक़, सीरिया, मिस्र, अफगानिस्तान और पाकिस्तान
की राह पर जाने वालों......
दोझख के उम्मीदवारों......
क्या सच में तुम अपनी जड़ों को उखाड़ने वाले.....
वही अमानव हो ??????
जिसके लिए हमारा क्षत विक्षत भविष्य सवाली है.......

राम सिंह यादव
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